How Much is Too Much
I measured
a fistful of sand.
The entire horizon
looks forward to
my fingers now.
To love it
differently
beyond
gender hurts
assigned to all.
Nothing is absolute.
How much universe
is too much?
Hand-in-hand
with you
I wish
the universe
needs to be
warm
and
supple
like your palms.
Enveloped
in the spirit
of the universe.
The ocean of pain
in your eyes
incited me to think,
the universe needs
to be
somersaulted
in
coming few seconds.
Counter mythologizing
space and territory.
The flowing stone
of sculpture to womanhood
unraveling the poet
at Konark.
Why do words
have to carry the burden
of thoughts?
How much universe
is too much?
इतना ज्यादा कितना ज्यादा है?
मैंने मुट्ठी भर
बालू मापी,
अब मेरी अंगुलियों में
सारा दिग्वलय नजर आने लगा।
लिंग-भेद से परे
उसे प्यार करना
मानो सभी को आहत करता था।
कुछ भी पूर्ण नहीं है।
कितना ब्रह्मांड इतना ज्यादा है?
तुम्हारी
हथेलियों पर हथेली रखकर
मैंने सोचा था
ब्रह्मांड ऊष्ण होना चाहिए
तुम्हारी
हथेलियों की तरह,
ब्रह्मांड की
आत्मा के वलय में।
तुम्हारी आंखों के
दुख के महासागर ने
मुझे सोचने पर
विवश किया कि
ब्रह्मांड कुछ ही सैकेंडों में
कलाबाज हो जाएगा
अंतरिक्ष और धरती के
मिथकों के विपरीत।
कोणार्क में
नारीत्व की भास्कर्य कला के
खिसकते पत्थर
कवि की समस्या का समाधान करेंगे
आखिर शब्दों को
विचारों का वजन
क्यों उठाना पड़ता है?
कितना ब्रह्मांड
इतना ज्यादा है?
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